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देहरादून। मंगलवार को पर्यटकों के लिए विश्व धरोहर फूलों की घाटी बंद कर दी गई है। अब घाटी को पर्यटकों के लिए अगले वर्ष एक जून को खोला जाएगा। फूलों की घाटी के वनक्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि  इस वर्ष 13,161 देशी और विदेशी सैलानियों ने घाटी का दीदार किया।
उन्होंने बताया कि इस साल भारी बारिश, बदरीनाथ हाईवे बार-बार बंद होने और मौसम को देखते हुए यात्रा को बीच-बीच में रोकने से पर्यटकों ने घाटी की ओर कम रुख किया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष करीब सात हजार कम सैलानी पहुंचे।
 घाटी का सबसे पीक समय जुलाई और अगस्त का महीना माना जाता है। इस दौरान यहां सबसे अधिक करीब 300 प्रजाति के फूल खिले होते हैं। इसी दौरान सबसे अधिक पर्यटक भी घाटी में पहुंचते हैं। यहां मुख्य रूप से ब्रह्मकमल, फेनकमल, ब्लूपॉपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्डन रॉड, जैस्मिन, रोवन, हेलमेट प्लावर, गोल्डन लीली सहित कई फूल खिलते हैं।  इसके साथ ही यहां दुलर्भ प्रजाति के वन्य जीव हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल, जंगली बिल्ली, कस्तूरी मृग आदि भी विचरण करते रहते हैं।


नवंबर की शुरूआत में कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार

देहरादून। नवंबर की शुरुआत में फिर मौसम करवट बदल सकता है। जिससे  नवंबर की शुरुआत ही कड़ाके की ठंड होने के आसार है।
मौसम विभाग के अनुसार आगामी एक नवंबर से हिमालयी क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बढ़ सकती है। दो व तीन नवंबर को प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और निचले इलाकों में बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश में पारा गिरने से ठिठुरन बढ़ सकती है।पश्चिमी विक्षोभ देगा दस्तक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार फिलहाल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता कम है, लेकिन अगले दो से तीन दिन में हरियाणा, हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड में ताजा पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ के दस्तक देने से उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। आसपास के क्षेत्रों में बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। नवंबर की शुरुआत में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदला रहने का अनुमान है।

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