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जत्थे का ढोल नगाड़ो और फूल मालाओं से स्वागत किया

पिरान कलियर। साबिर पाक के 755 वे सालाना उर्स में हर साल की तरह इस साल भी बरेली शरीफ से झंडा कलियर शरीफ पहुंचा। झंडा लेकर पहुंचे अक़ीदतमन्दों का सज्जादानशीन परिवार की और से स्वागत किया गया। सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज साबरी कुद्दुसी की सरपरस्ती में बाद नमाज असर के दरगाह साबिर के बुलन्द दरवाजे पर फहराकर झंडा कुशाई (फहराना) की रस्म अदा की गई।
दरगाह साबिर पाक के 755 वे सालाना उर्स की पहली रस्म झंडा कुशाई अदा की गई। हर साल सैकड़ो लोग एक पैदल जत्थे के रूप में बरेली शरीफ से झंडा लेकर कलियर दरगाह साबिर पाक में आते है। बरेली शरीफ से पहुंचे झंडे को शनिवार सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी कुद्दुसी ने दरगाह के बुलंद दरवाजे पर फहराकर उर्स की पहली रस्म अदा की। वसीम साबरी ने बताया कि 3 सितंबर को करीब 120 अकीदतमंदों का जत्था बरेली से पैदल रवाना हुआ था। कलियर पहुंचने पर शाह यावर ऐजाज साबरी सूफी राशिद साबरी समेत अन्य सूफियों ने पैदल जत्थे का ढोल नगाड़ो और फूल मालाओं से स्वागत किया। शाम को सज्जादानशीन शाह अली ऐजाज साबरी कुद्दुसी की सरपरस्ती में झंडे को दरगाह साबिर के बुलंद दरवाजे पर फहराकर झंडा कुशाई (फहराना)की पहली रस्म अदा की गई। इस मौके पर शाह खालिक मियां, शाह सुहेल मियां, नैय्यर अजीम फरीदी, बाबा मिस्सी शाह, बाबा बब्बू शाह, नूर मोहम्मद साबरी आदि मौजूद रहें।

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