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देहरादून। उत्तराखंड में रोजगार हमेशा से ही राजनीतिक रूप से एक बड़ा मुद्दा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि युवा प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने के लिए लालायित रहे हैं और विभिन्न विभागों में खाली पदों पर ज्यादा से ज्यादा भर्ती निकालकर युवाओं को लुभाने की भी कोशिश की जाती रही है, लेकिन सवाल अब यह उठ रहा है कि जिन आयोग और बोर्ड के सहारे खाली विभागों के पदों को भरे जाने की बात कही जाती है उनमें स्थायी रूप से पदों को भरने में सरकार कामयाब नहीं रही है।
विभागों के खाली पदों को भरने की जिम्मेदारी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साथ ही चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की भी है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन आयोग और बोर्ड में ही स्थायी रूप से सभी पदों को नहीं भरा जा रहा है। विभिन्न संवर्ग के लिए आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी रखे गए हैं। खासतौर पर समूह ग और घ के पदों को लेकर स्थायी नियुक्ति होना बाकी है। ऐसे में कांग्रेस आरोप लगा रही है कि जब आयोग में ही पदों को नहीं भरा पा रही है। ऐसे में बाकी विभागों के खाली पदों को समयबद्ध तरीके से कैसे भरा जा सकेगा?
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया कहते हैं कि आयोग में टेक्निकल और लीगल समेत समूह ग और घ के पद पर स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई हैं और ऐसे में सभी पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाए, इसके लिए प्रयास किया जा रहे हैं। खासतौर पर आयोग के लिए पहले जरूरी पदों को भरे जाने के लिए शासन को भी अधियाचन भेज दिए गए हैं और सरकार से अब इस पर मंजूरी के बाद भर्ती की जाएगी।

कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि राज्य में भाजपा सरकार ने विभागों के खाली पदों को भरे जाने का वादा किया था। लेकिन एक तरफ सरकारी नौकरियों में गड़बड़ी को सरकार नहीं रोक पा रही है, दूसरी तरफ रिक्त पदों को भरने को लेकर सरकार की मंशा पर शक भी हो रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जब आयोग में ही पद नहीं भरे जा पा रहे और शासन से इन पदों के लिए ही मंजूरी नहीं मिल रही तो फिर बाकी विभागों में खाली पदों को पूरी तरह से कैसे भरा जा सकता है।


प्रदेश में रोजगार चुनाव मुद्दा

देहरादून। राज्य में विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान रोजगार को राजनीतिक दलों ने महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया था और भाजपा ने खाली पदों को जल्द से जल्द भरे जाने की बात कही थी। लेकिन सरकार अब तक सभी पदों को नहीं भर पाई है। बड़ी बात यह है कि युवाओं के भी बड़ी संख्या में वोट बीजेपी को मिले थे और इसकी बदौलत राज्य में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि जिन पदों को नहीं भरा जा सका है, उनको जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए और इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है।

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