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पानी न मिलने से मसूरीवासी टैंकरों से ढो रहे पानी

मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी को 144 करोड़ की यमुना पेयजल योजना का अभी तक पानी नहीं मिल पाया है, जिससे लोग टैंकरों के जरिए पानी ढो रहे हैं, जबकि उम्मीद थी कि इस साल के मई-जून में जनता को यमुना का पानी मिलने से समस्या का समाधान हो जाएगा।
मसूरी की पानी की समस्या का समाधान करने के लिए महत्वकांक्षी यमुना पेयजल योजना स्वीकृत की गई। लेकिन अभी तक इसका पानी जनता को नहीं मिल पा रहा है। अभी भी टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। जबकि योजना से फरवरी माह में पानी राधा भवन पहुंचा दिया गया था। लेकिन अभी तक यमुना के पानी का जनता को लाभ नहीं मिल पाया है। जिससे अब लोगों में निराशा का भाव पैदा हो रहा है। इस संबध में जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत का कहना है कि जल निगम ने राधा भवन पानी पहुंचा दिया है और अब उनके अधिकारियों का कहना है कि पानी पूरी तरह से साफ हो गया है व जो मानक होते है उस पर खरा उतर गया है। उनके इस दावे को लेकर जल संस्थान की टीम पानी का निरीक्षण करेगी कि यह पानी जनता के उपयोग के लायक हो गया है या नहीं। लेकिन अगर पानी साफ भी हो गया है तो इसका लाभ मिलने में अभी समय लगेगा। वहीं दूसरी ओर पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता संदीप कश्यप का कहना है कि अभी तक गनहिल व सर्वे जल भंडारण के लिए लाइन नहीं बिछाई गई जिस कारण दिसंबर अंत तक ही यह कार्य पूरा हो पाएगा। लंढौर की स्थिति कठिन है इसके लिए सर्वे से परमिशन मांगी गई है। अगर उनकी परमिशन आ जाती है तो लंढौर सर्वे जल भंडारण तक लाइन बिछाई जाएगी। लेकिन राधा भवन व नान पारा जल भंडारण में लाइन पहुंचा दी गई है। विद्युत सब स्टेशन पर उन्होने कहा कि जो विद्युत सब स्टेशन ख्यार्सी में बनाया जा रहा है वह यूपीसीएल बना रहा है जिसका कार्य अक्टूबर अंत तक पूरा होने की संभावना है। ऐसे में अभी पानी दिसंबर तक ही पहुचाया जा सकेगा। लेकिन योजना पूरी होने के बाद भी लंढौर छावनी क्षेत्र को इसके पानी का लाभ नहीं मिल पाएगा इसके लिए समय लग सकता है।

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