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गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर भेजा सलाखों के पीछे

देहरादून। दून पुलिस ने मोबाइल चोरी का खुलासा करते हुए अन्तर्राज्जीय चोर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से 81 मोबाइल बरामद किये हैं।
दीपा राणा, डॉक्टर यशस्वी धीमान तथा वादिनी जाहिदा ने थाना रानीपोखरी में शिकायती प्रार्थनापत्र दिये कि रानीपोखरी हाट में खरीदारी के दौरान अज्ञात चोरो ने उनके महंगे मोबाईल फोन चुरा लिये हैं, जिस पर थाना रानीपोखरी में चोरी के मुकदमे दर्ज किए गए ।
मामले के खुलासे के लिए टीमों का गठन किया गया, गठित टीमों ने घटनाओं के सम्बन्ध में स्थानीय व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त की गई तो पुलिस टीम को पिछले कुछ समय से हाट बाजार में किसी मोबाइल चोर गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली जिस पर पुलिस टीम ने कुशल सुरागरसी पतारसी करते हुए तथा सड़क किनारे व प्रतिष्ठानों पर लगे लगभग 50-60 सीसीटीवी कैमरे चैक किया गया तथा रायवाला, ऋषिकेश, रानीपोखरी एवं डोईवाला क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजारों में सादे वस्त्रों में पुलिस टीमों को नियुक्त कर संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी की गई। साथ ही स्थानीय मुखबिर तंत्र को भी उक्त अभियुक्तों के सम्बन्ध में सक्रिय किया गया।
पुलिस के किये अथक प्रयासों से पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि तीन पानी पुलिया रायवाला के पास 3 व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में खडे हैं, जो सम्भवतः हाट बाजार में हुई मोबाइल चोरियों में संलिप्त हैं। सूचना पर पुलिस ने तीन पानी पुलिया के पास से तीन संदिग्ध व्यक्तियोअमर कुमार महतो, सुमित कुमार एवं राजेश कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया , जिनकी तलाशी लेने पर उनके पास से अलग-अलग कम्पनियों के कुल 81 मोबाइल बरामद हुए, बरामद मोबाइलों के सम्बन्ध में सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने इन मोबाइलों को हरिद्वार, ऋषिकेश, रानीपोखरी, रायवाला तथा डोईवाला में लगने वाले हाट बाजारों से चोरी करना बताया गया। तीनो अभियुक्तों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से पुलिस को रानीपोखरी थाने में पंजीकृत अभियोगों से सम्बन्धित मोबाईल फोन भी बरामद हुए। चोरों के साथ उक्त घटनाओ में 2 विधि विवादित किशोर जिनकी आयु 14 वर्ष व 16 वर्ष है, भी सम्मिलित थे, जिन्हें पुलिस संरक्षण में लिया गया, गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। विधि विवादित किशोरों का कोई सगा सम्बन्धी उत्तराखण्ड राज्य में नहीं है, जिस कारण उन नाबालिग बच्चों को जिला बाल कल्याण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर संरक्षण व सुरक्षा के लिए बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया गया।

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