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रडार पर रिटायर्ड आईएफएस अफसर केएम राव

देहरादून। राज्य में पिछले कुछ समय के दौरान कई अधिकारी जांच के घेरे में उलझते हुए नजर आए हैं। ताजा मामला खनन से जुड़े गेटों में धर्मकांटों के टेंडर की गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है। खास बात यह है कि इस प्रकरण में विजिलेंस जांच के आदेश होने के बाद अब विजिलेंस ने इस पर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि खनन के लिए लगने वाले धर्मकांटे की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है और इसी मामले में अब विजिलेंस जांच कर रही है।
दरअसल इसी साल गौला, कोसी और दाबका में धर्मकांटों के लिए टेंडर किए गए थे। इस प्रक्रिया में शामिल होने वाली तीन सोसाइटियों ने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने और उसमें घपले की बात कही थी। इन आरोपों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका के दौरान हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। जिस पर अब विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।
अहम बात यह है कि विजिलेंस को करीब 3 महीने के भीतर इस जांच को पूरा करना है। जिसके लिए अब जांच प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि इसी साल जुलाई में हुए टेंडर को लेकर जांच के कटघरे में पूर्व एमडी केएम राव भी हैं। यही नहीं वन विकास निगम के कुछ दूसरे अधिकारी भी इस टेंडर में गड़बड़ी को लेकर जांच प्रक्रिया में सवालों के घेरे में हैं। बहरहाल हाल ही में केएम राव रिटायर्ड हो चुके हैं, लेकिन अब विजिलेंस जांच के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले को लेकर विजिलेंस के निदेशक वी मुरुगेशन ने विजिलेंस जांच शुरू होने की पुष्टि की है।

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