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चीफ इलेक्शन कमेटी की तीसरी बैठक भी रही बेनतीजा
नहीं घोषित हो सके उम्मीदवार, अब 15 मार्च को फिर मीटिंग
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दिल्ली में डाला डेरा
देहरादून। कांग्रेस के लिए उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार तय करना टेढ़ी खीर बन गया है। लगातार एक के बाद एक बैठक के बाद कांग्रेस उम्मीदवार और उनके संसदीय सीटों की सूची पर अंतिम मुहर नहीं लगा पा रही है। सोमवार देर रात दिल्ली में हुई कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बेनतीजा निकली। अब 15 मार्च को फिर से बैठक बुलाई गई है।
सोमवार देर रात दिल्ली में हुई कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले अंदाजा जा रहा था कि बैठक के तुरंत बाद ही उत्तराखंड समेत कई राज्यों के लिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर देगी। लेकिन बैठक बेनतीजा निकली। बैठक में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, अंबिका सोनी के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी शैलजा कुमारी भी मौजूद थीं। उत्तराखंड से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और चकराता विधायक प्रीतम सिंह भी बैठक में मौजूद रहे। करन माहरा पिछले दो दिन से दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं के साथ उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों को लेकर लगातार बैठक में शामिल हो रहे थे।
बताया जा रहा है कि जिन नेताओं के नाम पार्टी ने पैनल में भेजे थे। उन नेताओं में से कई नेता चुनाव लड़ने से भी इनकार कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी अपना हर कदम फूंक-फूंककर रख रही है। यह तीसरी बैठक थी जब किसी तरह का निर्णय होने के बाद भी फैसला बाहर नहीं आ पाया है। अब बताया जा रहा है कि 15 मार्च को पार्टी उम्मीदवारों के ऐलान को लेकर एक और बैठक करेगी। हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि भाजपा के बाकी बचे दो और उम्मीदवारों के नाम तय होने के बाद कांग्रेस अपनी लिस्ट जारी करेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी की मानें तो कांग्रेस अनुभवी और जनप्रिय नेताओं को ही मैदान में उतारेगी। प्रदेश में भाजपा को कौन नेता पटखनी दे सकता है? इसको लेकर मंथन चल रहा है। एक सीट पर कई ऐसे नेता हैं जो भाजपा को टक्कर दे सकते हैं। जल्द ही कांग्रेस पार्टी पांचों लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर देगी। उधर जानकारी ये भी है कि अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा और नैनीताल से पार्टी यशपाल आर्य पर दांव खेलने पर विचार कर रही है।





सत्ता में वापसी होने पर कांग्रेस कराएगी जातिगत जनगणनाः माहरा
देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, तो जाति जनगणना कराई जाएगी, ताकि सुविधाओं से वंचित लोगों को उनके अधिकार मिल सकें। करन माहरा ने भाजपा को समाज को बांटने और अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार करने वाली संकीर्ण और तानाशाही मानसिकता वाली पार्टी का परिचायक बताया है।
करन माहरा ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने पूरी तरह से संविधान को अभी तक स्वीकार नहीं किया है, क्योंकि भाजपा के सांसद ही इस बात को कह रहे हैं कि चुनाव में चार सौ की संख्या पार करते ही हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को बदल देंगे। ऐसे में भाजपा ने बाबा साहब के संविधान को बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है और यह बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक नई लड़ाई की शुरुआत कर दी है। जिसमें जाति जनगणना के आधार पर जिसकी ज्यादा भागीदारी होगी, उनकी उतनी ही हिस्सेदारी होगी। 99।50 फीसदी से अधिक लोग इस भागीदारी में पीछे हैं।
करन माहरा ने कहा कि आजाद भारत में सबसे ज्यादा जरूरत जाति जनगणना ही है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो देश के मात्र 23 से 24 लोगों के16 लाख करोड़ रुपए के कर्ज भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने माफ किए हैं, जबकि आजीविका का साधन जुटाने वाले मनरेगा में 1 साल में 65 हजार करोड़ रुपए ही खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक मैपिंग और समान अधिकार के तहत लोगों को संख्या के आधार पर स्थान मिलना चाहिए।

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